लिखित और मौखिक भाषा के हानि-लाभ के बारे में दोस्तों के बीच चर्चा करो।

लिखित भाषा लिखी जाती है। लिखित भाषा द्वारा किसी भी बता को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है और इसी कारण से लिखित भाषा से हमें इतिहास की जानकारी प्राप्त हो जाती है| इसे सीखने में समय लगता है। दैनिक जीवन में इसका बहुत अधिक प्रयोग होता है। इसी के जरिए एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान पहुंच रहा है। मौखिक भाषा का इस्तेमाल हम अपने दैनिक कार्यों में करते हैं। इसे सीखना बहुत आसान है। जन्म के साथ ही बच्चा माता-पिता का वार्तालाप सुनकर भाषा का ज्ञान पाने लगता है और धीरे धीरे सीखने लगता है, लेकिन मौखिक भाषा का क्षेत्र सीमित होता है। इसके जरिए दो व्यक्ति के बीच भावों का आदान-प्रदान किया जा सकता है, लेकिन दो पीढि़यों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करना संभव नहीं है| दो पीढ़ियों के बीच जानकारी के आदान प्रदान के लिए लिखित भाषा ही सबसे अधिक सहायक है|


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